मेरे बड़े --

Tuesday, September 27, 2016

स्कूल में मजे

मेरी यानि  आपकी मायरा की पहचान है- दोनों पैरों में काला धागा .. :-) देखो ज़रा कितने मजे किये मैनें  ..

ये हुई एंट्री -



ये उतरी  पानी में -


और ये थोड़ी देर बाद में - 


अब ज़रा मुंह धो लूँ -



लगी ठंडी -- निकलो बाहर -





चलूँ फिर से अंदर --



 ना ना ना। ..मत निकालो दीदी। .. :-)




ये क्या? .... बाहर क्यूँ निकाल दिया


 फिर से भाग लूँ। ..उस तरफ से जा  सकती हूँ   ..



ओह ! ये क्या। ..पकड़ में आ गई उफ़!









Thursday, September 8, 2016

शिक्षक दिवस कार्ड -खुद हाथ से बनाये

हमें हमेशा अच्छी -अच्छी बातें सीखते  रहनी चाहिए। ... 
घर में माँ- पापा से और बाहर हर किसी से। ... 
इस  बार शिक्षक दिवस पर माँ -पापा और नानी की मदद से मैंने ये कार्ड बनाये अपने खुद हाथ से। ... 
आप सबको प्रणाम !











Wednesday, September 7, 2016

मेरी पहली शिक्षक

माँ मुझे सिखाती है
डांटती है
मनाती है
समझाती है
लिखवाती है मुझसे
मैं रोती हूँ
चुप हो जाती हूँ
सीखती हूँ
समझ जाती हूँ
और
थक जाती हूँ
कहती हूँ-बस!


Sunday, August 28, 2016

राखी का त्यौहार

नानी से मैंने राखी बंधवायी, और मैंने सुमि दीदी को बाँधी ...
हमने पूना में छोटे नानू के यहाँ राखी का त्यौहार मनाया ....
मैंने बताया कि फोटो कैसे खिंचवाते हैं,और कैसे खींचते है ....






Thursday, August 4, 2016

नानी ने बनाया मेरे लिए "हेअर बेंड "...

नानी ने बनाया मेरे लिए "हेअर बेंड "...  

मैंने नानी को ऑडियों मेसेज भेजकर बोला- नानी ये बहुत अच्छा है। .. और नानी ने मुझे बोला- ये मायरा के लिए है...मायरा अच्छी बच्ची है,स्कूल जाती है,मम्मी को तंग  भी नहीं करती। ..  इसलिए  ..  









और आपको एक मजे की बात बताऊँ। ... इसके फूल का रंग भी मैं बदल सकती हूँ। .. :-) 



Monday, July 25, 2016

स्कूल में " फेमेली डे

मेरी स्कूल में " फेमेली डे " था ,मैं मम्मी बनी थी ... मैंने लाल बिंदी व लाल चूड़ी अपनी पसंद से पहनी .... इस ड्रेस की फ्रॉक बहुत बार पहन चुकी हूँ लेकिन पायजामा के साथ आज ही पहनी ... क्यों कि मम्मी हूँ न तो सलवार सूट पहना था मुझे ... मम्मी तो बहुत खुश थी कि मैंने साड़ी पहनने कि जिद्द नहीं की ... :-)

वैसे एक्स्प्रेशन कैसे रहे मेरे ? ....


Friday, April 15, 2016

दूसरा जन्मदिन



११ अप्रेल को मेरा दूसरा जन्मदिन था। ... इस बार नानी बंगलौर में है। ... एक दिन पहले रविवार होने से पापा की छुट्टी थी। .. तो इस बार भी मेरा जन्मदिन दो दिन मनाया गया। ... 
मेरी मम्मा केक खूब शौक से बनाती है . वो मई आपके लिए लेकर आई हूँ। ...थोड़ी देर से। ... सॉरी। ... 
आप टेस्ट कीजिये 

पहले ये वाला। ..












 और ये रहा दूसरे दिन का 



Tuesday, March 22, 2016

नानी सुनाओ कहानी!


मायरा, Mayra - Aristocrate lady

मायरा -उँगलियों को इकट्ठे करते हुए- माउस!
नानी-माउस ने क्या किया ?
मायरा-कूद ,कूद,कूद,कूद
नानी-किसके ऊपर कूद कूद किया?
मायरा-लॉयन...
नानी-फिर लॉयन ने क्या कहा?
मायरा-मुझे परेशान नई करो...
नानी-फिर ?
मायरा- सॉरी
नानी-कौन बोला सॉरी ..
मायरा-माउस ,हेल्प करूँगा
नानी- फिर कौन आया?
मायरा- हंटर ... लॉयन को पकड़ लिया
नानी-फिर?
मायरा- बचाओ बचाओ , मुझे प्लीज माउस..फ्रेंड
नानी- फिर माउस ने क्या किया?
मायरा- दाँत से दिखाते हुए...कुट कुट कुट कुट....
नानी- जाल काट दिया ... और...
मायरा- भागे....क्लैप क्लैप क्लैप ....
..
..
और क्रो वाली....

Monday, February 22, 2016

कण-कण समेटो


  



 मुझे सेंव पसन्द है ,बहुत ज्यादा पसन्द है , मगर जब कटोरी में खाने को लेती हूँ तो पता नहीं कैसे वो अप्ना बेलेन्स बिगाड़ लेती है और मेरी सारी सेव बिखर जाती है ,पहले नानी उठा दिया करती थी ,अब मैं थोड़ी बड़ी हो गई हूँ और मैंने सीख लिया है कि अगरेक भी दाना जमीन पर गिर जाए तो उसे उठा लेना चाहिए ...मेरी चिड़िया दोस्त का पेट तो जरा से दाने में ही भर जाता है ।


Sunday, February 7, 2016

पापा की परी

जब भी बाहर जाना होता है ,पापा की पसन्द के कपड़े पहन कर उनके साथ ही रेडी हो जाती हूँ .... 



Tuesday, February 2, 2016

मम्मी बनी मैं

बेटियाँ ईश्वर का ऐसा वरदान है जिसे हर किसी को पाना चाहिए ।
गुड़ियों से खेलना और उसे बच्चे की तरह संभालना, साड़ी पहनना, और और साड़ी संभालना सब प्राकॄतिक रूप से उसके गुणों में शामिल है , किसी को सिखाने की जरूरत नहीं पड़ती ....
चाहे तो देख लो - मम्मी बनी मैं 


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Thursday, January 28, 2016

बाँसुरीवाला

बाँसुरी वाले भैया का नाम नरसिंह था ।नानी से बात करते हुए बताया कि गाँव - गाँव घूम कर बाँसुरी बेचते है,बिहार राज्य के सीवान जिले के किसी गाँव में रहते हैं ,
बिग नाना ने मेरे लिए छोटी बाँसुरी ली 20 रुपए की और खुद के लिए बड़ी बाँसुरी ली 50 रुपए की ...
अभी मेरे जैसे ही पूं पूं ही उनको भी बजाना आती है
देखिए -
https://youtu.be/nbQXsZQrV_0

Saturday, January 2, 2016

सुरक्षा अपनी अपने हाथ

बोटिंग करने के समय सब बड़ों को जेकेट दी गई ,मुझे नहीं ...मुझे आया 

गुस्सा....जब तक जेकेट अरेंज नहीं की मैंने बोट चलने नहीं दी ....

सही तो है मैं भी तो हिस्सा हूँ आप सबका ...

.
बेहतर कल के लिए जरूरी है अपने लिए लड़ना ....


-मायरा
 — at Fateh Sagar Lake.