मेरे बड़े --

Thursday, October 22, 2015

पारिवारिक मिलन

आओ सब पास आ जाओ
और ऐसे अब त्यौहार मनाओ!
इंदौर-खरगोन-पूना-गांधीनगर........हम सब एक है ......

हम सब मिले मेरे बुलाने पर बंगलौर से वत्सल मामा और नानी ,खरगोन से मुन्ना मामा नाना -नानी ,पूना से जीतू मामा नाना-नानी , चिंकी मौसी ,सुमि मौसी और सुमुख मोटू मामा ....,इंदौर से ही उर्वशी मामी नानी,और सुहानी मौसी ,और गांधीनगर से निशी मौसी ....

नानी को देख कर मुझे बहुत रोना आया ...मुझे तो चेट बॉक्स की खिड़की से ही उनके पास जाना था ...... इसलिए थोड़ी देर के बाद उनको छुप जाना पड़ा .... :-)