मेरे बड़े --

Tuesday, October 14, 2014

खरगोश और पुच्चू

पुच्चू-सुना है - मायरा की नानी को दोस्त लोग  "सुपर नानी" के नाम से पुकारने लगे हैं
मायरा खरगोश -ह्म्म्! सुना तो है

पुच्चू-और वहां नानी को सुपर नानी बनाने वाली मायरा का ही कोई जिक्र नहीं ....

मायरा खरगोश - अरे !ये सब ब्लॉगर लोग हैं ,आपसी समझ तगड़ी हो गई है इनकी ......इनकी बात तो मैं भी समझती हूँ ,तुम जैसे बीच में भड़काने वाले आते हैं और चले जाते हैं ....:-D
मैं तो कहती हूँ तुम भी परदे के पीछे से काम करना सीखो .....
पुच्चू -जैसे ?
मायरा खरगोश -.....जैसे अब किसी से जाकर  ये न कहना  कि " मायरा"मंगल पर जाने की तैयारी कर रही है .....
नानी और मैं मिलकर प्लान बनाते है ...बुद्धू
.
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सारे लोग मुझे ही प्यार करते हैं ,इसलिए नानी का असली नाम तक भूल गए ....हुर्रे !!!!!
पुच्चू - ओह! तो ये बात है .....हमारी नानी -"सुपर नानी"........हुर्रे!!!!

1 comment:

  1. ओ नानी !
    जब से मैं हुई न!
    मेरी कहानियाँ , आपकी ज़ुबानियां सुनते सुनते ही सब मुझे
    पहचानने से लगे हैं....
    खरगोश बनी "मैं " की फोटो तो इतनी प्यारी है कि आंटी लोरी को भी
    प्यार आ गया है , वह "मायरा " लफ्ज़ का मतलब जानना चाह रहीं हैं,
    अब बताइये न उन्हें !!!

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बस! आपका आशीष बना रहे ...