मेरे बड़े --

Saturday, July 5, 2014

अस्पताल से घर ...

१४ अप्रेल २०१४-
अस्पताल वाले अंकल जी ने तो मुझे,पापा,मम्मी और नानी को थका कर कचूमर निकाल दिया ........उफ़!!!!
बताऊँ -सुबह 10 बजे ही डॉक्टर नानी ने कह दिया था कि मैं आज अपने घर जा सकती हूँ,मगर अब तक डिस्चार्ज की कारवाई ही पूरी नहीं हुई ....पता नही और कित्ता टाईम लगाएंगे ....पापा और नानी ने तो आज खाना भी नहीं खाया ....
और परनानी दिन भर से मेरे आने के लिए आँखे बिछाए बैठी होंगी ...........

मुझे और मम्मी को तो अभी खाना और सोना भी जरूरी है न !...

बड़ी मुश्किल से सब खतम हुआ और रात ९ बज गए घर पहुंचने में ....
uff! थकान भरा वो दिन .....

घर में मेरे कमरे को सजा रखा था बुआजी ,चाचा और कान्हा भैया ने .... 
दीवार पर बेलून लगे थे और लिखा था- WELCOME BABY ...
लव यू ! बुआ, चाचा और किशु भैया....

Photo: ये अस्पताल वाले अंकल जी ने तो मुझे,पापा,मम्मी और नानी को थका कर कचूमर निकाल दिया ........उफ़!!!!
बताऊँ -सुबह 10 बजे ही डॉक्टर नानी ने कह दिया था कि मैं आज अपने घर जा सकती हूँ,मगर अब तक डिस्चार्ज की कारवाई ही पूरी नहीं हुई ....पता नही और कित्ता टाईम लगाएंगे ....पापा और नानी ने तो आज खाना भी नहीं खाया ....:-(
और परनानी दिन भर से मेरे आने के लिए आँखे बिछाए बैठी होंगी ...........

मुझे और मम्मी को तो अभी खाना और सोना भी जरूरी है न !

No comments:

Post a Comment

बस! आपका आशीष बना रहे ...